पूर्वी दिल्ली। भारतीय सेना की ओर से चलाए जा रहे घर-घर शौर्य सम्मान महोत्सव के तहत कारगिल युद्ध में बलिदानी वीरों के स्वजन को सेना सम्मानित कर रही है। इस सम्मान के जरिये बलिदानियों के बलिदान को याद किया जा रहा है।

समाज को बताया जा रहा है किस तरह से देश के वीरों ने उस दौरान पाकिस्तान को धूल चटाई थी। बुधवार को सेना के जवानों ने वेस्ट ज्योति नगर स्थित बलिदानी नायक सूबेदार ओम प्रकाश के स्वजन को सम्मानित किया।

बलिदानी के परिवार में पत्नी राजकुमारी व इकलौता बेटा कुलदीप चौधरी है। कारगिल से नायक सूबेदार रफीकुल हसन, हवलदार केके तिवारी व लखविंदर सिंह, नायक सत्यनारायण ने सम्मान पत्र व स्मृति चिह्न देकर परिवार को सम्मानित किया।

सेना के जवानों ने परिवार से पूछा भी कि उन्हें किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है। पुलिस समेत अन्य किसी विभाग में कोई समस्या है ताे सेना उसे दूर करेगी। सेना हम दम बलिदानी के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।

राजकुमारी ने कहा कि उनकी शादी के साढ़े नौ साल बाद बच्चा पैदा हुआ था। बच्चा होने के तीन माह बाद भी उनके पति कारगिल चले गए थे। उस दौरान चिट्ठी जाती थी। वह घर से चिट्ठी के साथ बच्चे का एक फोटो भी भेजा करती थी।

29 जून 1999 को उनके पति टाइगर हिल पर बलिदान हुए। उस वक्त उनका बेटा छह माह का था। जिस वक्त उनके पति बलिदान हुए उनकी वर्दी की जेब में बेटे का फोटो रखा हुआ मिला था। एक साल बाद सेना ने उन्हें ट्रोनिका सिटी में गैस एजेंसी दे दी। उन्होंने कहा कि हर एक भारतीय में देश के लिए कुर्बान होने का जज्बा होना चाहिए।